tag:blogger.com,1999:blog-3037144839326735283.post4870967460423785021..comments2024-02-09T13:59:35.591+05:30Comments on आज की ग़ज़ल : अहमद फ़राज़ साहेब को श्रद्दाँजलिसतपाल ख़यालhttp://www.blogger.com/profile/18211208184259327099noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-3037144839326735283.post-65011096031843101562008-08-30T00:33:00.000+05:302008-08-30T00:33:00.000+05:30फ़राज़ साहब अपनी सोच के दायरे, इंसानी जज्बातों की ...फ़राज़ साहब अपनी सोच के दायरे, इंसानी जज्बातों की बारीकियों की पकड़ और बुलंद हौसलों भरे अल्फाज़ से लबरेज़ शायरी के लिए हमेशा हमेशा याद किये जायेंगे! बेशक हम सभी ने उर्दू शायरी के एक रौशन चिराग को खो दिया है!<BR/>पर इन शेरों में आज भी हमारे बेहद करीब हैं वो.... <BR/>कितना आसां था तेरे इश्क में मरना जाना,<BR/>फिर भी इक उम्र लगी जान से जाते जाते <BR/><BR/>कौन कहता है की मौत आई तो मर जाऊँगा,<BR/>मैं तो दरया हूँ समंदर में उतर जाऊँगा <BR/><BR/><BR/>उनकी शान में यही कहूँगा की..<BR/>तेरी तहरीर में हर शक्स का चेहरा है "फ़राज़",<BR/>तेरे सागर में हर इक बूंद है गौहर कोई...रंजन गोरखपुरीhttps://www.blogger.com/profile/09142022556862339626noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3037144839326735283.post-30515070188943397772008-08-29T20:46:00.000+05:302008-08-29T20:46:00.000+05:30शायर अहमद फ़राज़ साहेब को श्रृद्धांजलि!!शायर अहमद फ़राज़ साहेब को श्रृद्धांजलि!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3037144839326735283.post-19833323532952912002008-08-29T15:07:00.000+05:302008-08-29T15:07:00.000+05:30इंसानियत और रूमानियत से भरपूर साबका रखती थी... फरा...इंसानियत और रूमानियत से भरपूर साबका रखती थी... फराज साहब की कलम। कुछ चुनिंदा अंशों को पढ़कर मेंहदी हसन साहब की भी याद आ गई।तरूश्री शर्माhttps://www.blogger.com/profile/14633011423481155460noreply@blogger.com