tag:blogger.com,1999:blog-3037144839326735283.post603596119335013090..comments2024-02-09T13:59:35.591+05:30Comments on आज की ग़ज़ल : सात समंदर पार का सपना सपना ही रह जाता है-दूसरी किश्तसतपाल ख़यालhttp://www.blogger.com/profile/18211208184259327099noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-3037144839326735283.post-36171307262923967982009-07-26T21:10:02.008+05:302009-07-26T21:10:02.008+05:30आपने सही कहा सतपाल जी..मेरे लिये तो छोटी मुँह बड़ी ...आपने सही कहा सतपाल जी..मेरे लिये तो छोटी मुँह बड़ी बात होगी, लेकिन शायद काफ़िये की वजह से ख्यालों में तंगी आ गयी\ अब हम द्विज जी से बराबरी करना तो सात जनम लेने पड़ेंगे, तब कहीं उनकी छोटी ऊँगली के समकक्ष पहुँच पायेंगे...<br />लेकिन मेरी अपनी पसंद और समझ के मुताबिक तो इस बार भी कुछ अच्छे शेर बन पड़े हैंगौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3037144839326735283.post-68478655327835210772009-07-26T14:48:41.598+05:302009-07-26T14:48:41.598+05:30शानदार गजलें..आभार.शानदार गजलें..आभार.समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3037144839326735283.post-53562465753897994562009-07-26T14:06:10.277+05:302009-07-26T14:06:10.277+05:30सुनते-सुनते बरसों बीते कोई मुझको बतलाए
दर्दे-जुदा...सुनते-सुनते बरसों बीते कोई मुझको बतलाए <br />दर्दे-जुदाई सहने वाला पागल क्यों हो जाता है<br /> वाह कितनी लाजवाब बात कही है ............. सच और सच .........<br /><br />रोने वाले के दिल में कब कोई ग़म रह पाता है<br />बारिश में तो सारा कूड़ा-कर्कट ही बह जाता है<br />रोने वाले अपना गम, अपना दर्द आंसुओं के JARIYE NIKAAL देते हैं............. बहुत KHOOB <br /><br />मुट्ठी बांध के आने वाला हाथ पसारे जाता है<br />बतला अम्मी वो बनजारा आखिर ये क्यों गाता है<br />जीवन का SAMPOORN DARSHAN SIMET दिया है इस शेर मैं..........<br /><br />नींव का पत्थर हर इक युग में सीने पर आघात सहे<br />देख ये मंज़र बेदर्दी का आज वहीं शर्माता है<br />बहुत ही KHOOBSOORAT है ये शेर<br /><br />SATPAAL जी आपका SHUKRIY इस MUSHAYRE को इस MUKAAM TK PAHUNCHAANE के लिए............... हर SHAAYER KAMAAL का है, हर शेर लाजवाब .............दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3037144839326735283.post-37805407442738952512009-07-26T13:37:42.372+05:302009-07-26T13:37:42.372+05:30सभी ग़ज़लें बेहतरीन हैंसभी ग़ज़लें बेहतरीन हैंअर्चना तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04130609634674211033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3037144839326735283.post-66413766348330036832009-07-25T20:50:33.756+05:302009-07-25T20:50:33.756+05:30सुनते-सुनते बरसों बीते कोई मुझको बतलाए
दर्दे-जुदा...सुनते-सुनते बरसों बीते कोई मुझको बतलाए <br />दर्दे-जुदाई सहने वाला पागल क्यों हो जाता<br />अच्छी ग़ज़लें हैं हमेशा की तरह.संजीव गौतमhttps://www.blogger.com/profile/04495238607820943010noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3037144839326735283.post-16269416566097831882009-07-25T18:24:19.790+05:302009-07-25T18:24:19.790+05:30इस बार तखय्युल और तग़ज्ज़ल की कुछ कमी है लेकिन फिर...इस बार तखय्युल और तग़ज्ज़ल की कुछ कमी है लेकिन फिर भी सब ठीक है.गुज़ारिश यही है कि सिर्फ़ बहर को ही न निभाया जाये कुछ तग़ज्ज़ल की चाशनी और तखय्युल का रंग भी मिलाया जाए ताकि पढ़ने वाले कुछ स्वाद ले सकें.सतपाल ख़यालhttps://www.blogger.com/profile/18211208184259327099noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3037144839326735283.post-26755798803251034812009-07-25T17:25:57.457+05:302009-07-25T17:25:57.457+05:30वाह ! वाह ! वाह ! सभी एक से बढ़कर एक ......लाजवाब ...वाह ! वाह ! वाह ! सभी एक से बढ़कर एक ......लाजवाब रचनाएँ......आनंद आगया पढ़कर.....आभार.रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3037144839326735283.post-43484244576923816362009-07-25T17:24:01.216+05:302009-07-25T17:24:01.216+05:30रिश्तों की जज़ीर कहां उड़ने देती है पंछी को
सात समंद...रिश्तों की जज़ीर कहां उड़ने देती है पंछी को<br />सात समंदर पार का सपना सपना ही रह जाता है<br /><br />दर्द अदब से शेरभी सुनना सीख न पाया है अब तक<br />अहले-सुखन की महफ़िल में तू शाइर भी कहलाता है<br /><br />बस इक सांस का झगड़ा है सब,आए,आए,न आए<br />नादां है इन्सान खनकते सिक्कों पर इतराता है<br /><br />नींव का पत्थर हर इक युग में सीने पर आघात सहे<br />देखके मंज़र बेदर्दी का आज वहीं शर्माता है<br /><br />इतने पुर-असर और दिल को छू लेने वाले <br />अश`आर पढ़ कर बहुत तस्कीन हासिल हुई ...<br /><br />जनाब शहादत अली साहब ने जो गिरह लगाई है <br />वो बहुत ही शानदार और जानदार है ...वाह !<br /><br />'दर्द' , 'बदर्पुरी' और 'देवी' सब की ग़ज़लें भी बहुत पसंद आईं हैं <br /><br />जनाब "ख़याल" साहब...<br />ये सब आपकी मेहनत और <br />लगन का नतीजा है ....<br /><br />पहले तो इक दीवाना <br />इक मिसरा चुन कर लाता है <br />फिर पैगाम वही वो <br />खिदमतगारों तक पहुंचाता है <br />जब-जबभी कोई ग़ज़लों की <br />खेप "ख़याल" तलक पहुंचे <br />उन सब को शाए कर के <br />वो मन से खुश हो जाता है <br /><br />गामज़न रहें......<br />अदब-नवाज़ दोस्तों की दुआएं आपके साथ हैं <br />---मुफलिस---daanishhttps://www.blogger.com/profile/15771816049026571278noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3037144839326735283.post-14448642072812064592009-07-25T17:22:32.801+05:302009-07-25T17:22:32.801+05:30अरे वाह, इतनी शानदार गजलें,मजा आ गया।
-Zakir Ali ...अरे वाह, इतनी शानदार गजलें,मजा आ गया।<br /><br /><a href="http://za.samwaad.com/" rel="nofollow">-Zakir Ali ‘Rajnish’</a> <br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">{ Secretary-TSALIIM </a><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">& SBAI }</a>Science Bloggers Associationhttps://www.blogger.com/profile/11209193571602615574noreply@blogger.com