tag:blogger.com,1999:blog-3037144839326735283.post6538590405641260191..comments2024-02-09T13:59:35.591+05:30Comments on आज की ग़ज़ल : शाहिद कबीरसतपाल ख़यालhttp://www.blogger.com/profile/18211208184259327099noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-3037144839326735283.post-15180845147496108692010-03-26T14:33:43.449+05:302010-03-26T14:33:43.449+05:30yakinan kohinoor hai
शाहिद कबीर साहब से तार्रुफ़...yakinan kohinoor hai <br /><br />शाहिद कबीर साहब से तार्रुफ़ कराने का शुक्रिया.निर्झर'नीरhttps://www.blogger.com/profile/16846440327325263080noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3037144839326735283.post-65461883982473700652010-03-24T19:08:31.451+05:302010-03-24T19:08:31.451+05:30kya baat hai satpal ji.. hamesha ki tarah gajab ki...kya baat hai satpal ji.. hamesha ki tarah gajab ki prastuti. Shahid kabeer ji ko naman...योगेन्द्र मौदगिलhttps://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3037144839326735283.post-67080132390721388682010-03-24T14:24:50.801+05:302010-03-24T14:24:50.801+05:30हर इक हँसी में छुपी खौ़फ़ की उदासी है
समुन्दरों के ...हर इक हँसी में छुपी खौ़फ़ की उदासी है<br />समुन्दरों के तले भी ज़मीन प्यासी है।<br />शायरी की इन्तेहा है ये शेर। <br /><br />समंदर तेरी प्यास बुझती रहे<br />भटकती नदी को ठिकाना मिले<br /><br />तरसता हूँ नन्हें से लब की तरह<br />तबस्सुम का कोई बहाना मिले<br /><br />पानी का पत्थरों पे असर कुछ नहीं हुआ<br />रोए तमाम उम्र मगर कुछ नहीं हुआ<br /><br />इसीलिये कहा जाता है 'जहँ न पहुँचे रवि, तहँ पहुँचे कवि'।<br />बेहतरीन ग़ज़लें। आनंद आ गया।तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3037144839326735283.post-32467071412122421512010-03-24T14:24:50.547+05:302010-03-24T14:24:50.547+05:30हर इक हँसी में छुपी खौ़फ़ की उदासी है
समुन्दरों के ...हर इक हँसी में छुपी खौ़फ़ की उदासी है<br />समुन्दरों के तले भी ज़मीन प्यासी है।<br />शायरी की इन्तेहा है ये शेर। <br /><br />समंदर तेरी प्यास बुझती रहे<br />भटकती नदी को ठिकाना मिले<br /><br />तरसता हूँ नन्हें से लब की तरह<br />तबस्सुम का कोई बहाना मिले<br /><br />पानी का पत्थरों पे असर कुछ नहीं हुआ<br />रोए तमाम उम्र मगर कुछ नहीं हुआ<br /><br />इसीलिये कहा जाता है 'जहँ न पहुँचे रवि, तहँ पहुँचे कवि'।<br />बेहतरीन ग़ज़लें। आनंद आ गया।तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3037144839326735283.post-26465613005270961032010-03-23T15:41:04.180+05:302010-03-23T15:41:04.180+05:30Once again thanks Mr. satpal ji to give place grea...Once again thanks Mr. satpal ji to give place great poet Shahid Kabir <br /><br />Regards <br /><br />Sameer KabirAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3037144839326735283.post-41341718284987296262010-03-23T14:16:18.348+05:302010-03-23T14:16:18.348+05:30शाहिद कबीर साहब जैसे हीरे से तार्रुफ़ कराने का शु...शाहिद कबीर साहब जैसे हीरे से तार्रुफ़ कराने का शुक्रिया.Sulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3037144839326735283.post-1863264432430773122010-03-23T14:07:47.687+05:302010-03-23T14:07:47.687+05:30हर इक हँसी में छुपी खौ़फ़ की उदासी है
समुन्दरों के ...हर इक हँसी में छुपी खौ़फ़ की उदासी है<br />समुन्दरों के तले भी ज़मीन प्यासी है<br /><br />और ये <br /><br />कोई 'शाहिद' जब अपने जुर्म का इकरार करता है,<br />तो मैं दामन में अपने सर झुकाकर देख लेता हूँ <br /><br />कितनी सरलता से संजीदगी बयाँ की है. गज़लगोई का हुनर शायद इसी अंदाज़ में हैं.रंजन गोरखपुरीhttps://www.blogger.com/profile/09142022556862339626noreply@blogger.com