Tuesday, June 7, 2022

फ़रहत शहज़ाद -नई ग़ज़ल के साथ



एक नई ग़ज़ल के साथ फ़रहत शहज़ाद

एक बस तू ही नहीं मुझ से ख़फ़ा हो बैठा

मैं ने जो संग तराशा था ख़ुदा हो बैठा

ऐसे बेमिसाल शेर कहने वाले फ़रहत साहब को सुनिए-



 

No comments: