द्विज जी के परामर्शानुसार हम आज की ग़ज़ल पर तरही ग़ज़लों का प्रकाशन करेंगे. महीने मे एक बार तरही ग़ज़लें प्रकाशित की जायेंगी. इसमें नये और स्थापित सभी शायर हिस्सा लेंगे. इस बार हम ने दा़ग़ के शागिर्द नसीम का ये मिसरा चुना है. आप ग़ज़ल कहें और ज़ल्द भेजें.
कभी इन्कार चुटकी में , कभी इक़रार चुटकी में.
काफ़िया : इनकार
रदीफ़ : चुटकी में
और बहर : हज़ज
मुफ़ाईलुन X 4
1222 1222 1222 1222
आप अपनी ग़ज़लें २० दिन के अंदर हमें भेजें लेकिन आप अपनी सहमती ज़रूर भेज दें कि आप भाग ले रहे हैं या नहीं.हर कोई ग़ज़ल भेज सकता है बशर्ते कि बहर-वज़्न सही हो. हर तरह से सही ग़ज़लें ही प्रकाशित की जायेंगी.
सादर
ख्याल
satpalg.bhatia@gmail.com
4 comments:
mai tarahi me bhaag lena chaahta hun magar mujhe apni ghazal kahan post karni hogi, mai samajh nahi pa raha....
plz help.
.....shukriya.
इतना मुश्किल मिस्रा दे दिया है सतपाल जी आपने कि.....कोशिश करेंगे आपकी अपेक्षाओं पर उतरने की
प्रयास रहेगा कि कुछ दर्ज कर पायें.
you pls send your ghazals to satpalg.bhatia@gmail.com
thanks
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