Friday, January 1, 2010

नव वर्ष पर-विशेष










ले उड़े इस जहाँ से धुआँ और घुटन
इक हवा ज़ाफ़रानी नये साल में

द्विज जी के इस शे’र के साथ इस साल की अंतिम पोस्ट आपकी नज़्र है। वसीम बरेलवी की एक ग़ज़ल आज पहली बार "आज की ग़ज़ल" पर छाया कर रहा हूँ, ग़ज़ल से पहले दो शे’र वसीम बरेलवी के-

न पाने से किसी के है, न कुछ खोने से मतलब है
ये दुनिया है इसे तो कुछ न कुछ होने से मतलब है

गुज़रते वक़्त के पैरों में ज़ंजीरें नहीं पड़तीं
हमारी उम्र को हर लम्हा कम होने से मतलब है

अब ये ग़ज़ल मुलाहिज़ा कीजिए-

कौन सी बात कहाँ , कैसे कही जाती है
ये सलीक़ा हो तो हर बात सुनी जाती है

जैसा चाहा था तुझे देख न पाये दुनिया
दिल में बस एक ये हसरत ही रही जाती है

एक बिगड़ी हुई औलाद भला क्या जाने
कैसे माँ-बाप के होंटों से हँसी जाती है

कर्ज़ का बोझ उठाये हुए चलने का अज़ाब
जैसे सर पर कोई दीवार गिरी जाती है

अपनी पहचान मिटा देना हो जैसे सब कुछ
जो नदी है वो समंदर से मिली जाती है

पूछना है तो ग़ज़ल वालों से पूछो जाकर
कैसे हर बात सलीक़े से कही जाती है

रमल की मुज़ाहिफ़ शक़्ल -
फ़ाइलातुन फ़'इ'लातुन फ़'इ'लातुन फ़ालुन
2122 1122 1122 22 / 112

निदा फ़ाज़ली की इस दुआ के साथ-
"चिड़ियों को दाने, बच्चों को गुड़धानी दे मौला"
इस साल को विदा कहते हैं और आने वाले साल का स्वागत करते हैं । जगजीत की मख़मली आवाज़ में इसे सुनिए-



Jagjit Singh - Garaj Baras Pyasi .mp3
Found at bee mp3 search engine


11 comments:

Pushpendra Singh "Pushp" said...

आपको व आपके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएं...............
और बेहतरीन रचना के लिए बहुत बहुत आभार .....

अजय कुमार said...

नव वर्ष मंगलमय हो

daanish said...

nav-varsh
2 0 1 0
kee
shubh kaamnaaeiN.

समयचक्र said...

बेहतरीन रचना
हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार में प्रभावी योगदान के लिए आभार
आपको और आपके परिजनों मित्रो को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये...

संगीता पुरी said...

बहुत बढिया .. आपके और आपके परिवार के लिए नववर्ष मंगलमय हो !!

Udan Tashtari said...

उम्दा रचना...


वर्ष २०१० मे हर माह एक नया हिंदी चिट्ठा किसी नए व्यक्ति से भी शुरू करवाने का संकल्प लें और हिंदी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें।

- यही हिंदी चिट्ठाजगत और हिन्दी की सच्ची सेवा है।-

नववर्ष की बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाएँ!

समीर लाल
उड़न तश्तरी

संगीता पुरी said...

आपके और आपके परिवार के लिए भी नया वर्ष मंगलमय हो !!

तिलक राज कपूर said...

नये साल पर एक परिपक्‍व ग़ज़ल,
क्‍या इरादे हैं भाई,
बधाई।
तिलक राज कपूर

chandrabhan bhardwaj said...

Bhai Satpal ji,
is aachhi ghazal ke liye badhai aur naye saal ke liye bhi bahut bahut badhai.

Yogesh Verma Swapn said...

अपनी पहचान मिटा देना हो जैसे सब कुछ
जो नदी है वो समंदर से मिली जाती है

bahut sunder panktian, sabhi sher behatareen satpal ji badhaai. aur nav varsh ki mangalkaamnayen.

Pressure Washing Davie said...

Interesting read thanks for sharing