ग़ज़ल
हिज्र का है उसे मलाल कहाँ
कोई अपना है
हमख़याल कहाँ
खून में पहले सा उबाल कहाँ
हर किसी में
है ये कमाल कहाँ
माँ के दिल सा मगर विशाल कहाँ
पूछता है वो हालचाल कहाँ
वक़्त जिसका जवाब दे न सके
ऐसा कोई 'अहद' सवाल कहाँ
amitahad33@gmail.com
ग़ज़ल
हिज्र का है उसे मलाल कहाँ
कोई अपना है
हमख़याल कहाँ
खून में पहले सा उबाल कहाँ
हर किसी में
है ये कमाल कहाँ
माँ के दिल सा मगर विशाल कहाँ
पूछता है वो हालचाल कहाँ
वक़्त जिसका जवाब दे न सके
ऐसा कोई 'अहद' सवाल कहाँ
amitahad33@gmail.com
3 comments:
बहुत उम्दा।
बहुत उम्दा गज़ल
वाहः बेहतरीन ग़ज़ल
Post a Comment