Friday, September 24, 2021

ZAUQ KI SHAYARI IN HINDI- RAJPAL AND SONS

लाई हयात आए, क़ज़ा ले चली चले

अपनी ख़ुशी से आये , न आए न अपनी ख़ुशी चले 

( IBRAHIM ZAUQ)

 दोस्तों ! ये पोस्ट खासकर उन नौजवान शायरों के लिए हैं जो अकसर मुझसे पूछते रहते हैं ,क्या पढ़ें | 

RAJPAL & SONS  द्वारा प्रकाशित इस किताब में  शेख मुहम्मद  इब्राहीम "  ज़ौक़ "(1854-1790) की जीवनी और उनकी शायरी आपको पढ़ने को मिलेगी | ग़ालिब को टक्कर देने वाले चुनिन्दा शायरों में इनका नाम आता है | खैर ! ग़ालिब  और  ज़ौक़ के किस्से अगली पोस्ट में डालूँगा|

 ज़ौक़ की ग़ज़लें उर्दू साहित्य में अपना विशेष स्थान रखती हैं और आज भी उर्दू शायरी के प्रशंसक उनकी ग़ज़लों और नज़्मों के दीवाने हैं| उर्दू क्लासिकल पोयट्री को हिंदी भाषा में पढ़ना थोड़ा मुश्किल होता है लेकिन मुश्किल अलफ़ाज़ के अर्थ भी हर पन्ने पर दिए हैं | मामूली सी कीमत अदा करके आप शायरी का ये अनमोल खजाना सहेज सकते हैं | 

128 पन्नों की ये किताब  AMAZON से नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करके आप खरीद सकते हैं -

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