आख़िर उन का जवाब आ ही गया
दिल के बदले गुलाब आ ही गया
रोज़ बदला है चाँद सा चहरा
रफ़्ता -रफ़्ता शबाब आ ही गया
बस इशारा सा इक किया उस ने
लेके साक़ी शराब आ ही गया
साथ लाया उदासियाँ अपने
इश्क़ ले कर अज़ाब आ ही गया
उस ने देखा पलट-पलट के "ख़याल"
कोशिशों का जवाब आ ही गया
7 comments:
बेहतरीन ग़ज़ल
shukriya
बहुत सुंदर
वाह
बहुत खूब
shukriya
thanks
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