इस दौर में बहुत शायरी हो रही है और शायर भी बेशुमार हैं ,ऐसा लगता है हर तीन में एक आदमी शायर हो गया हो लेकिन तकनीक के इस दौर शायरी से वो गहराई ग़ायब हो गई और ये बात भी सही है कि अच्छे शायर के लिए कम्पीटीशन न के बराबर है | कहीं-कहीं कोई गुरमानी साहब की तरह उम्दा शायर मिल जाता है | बाक़ी बहुत से शायर हैं जिन की शायरी उन की ज़ुल्फ़ों से कहीं कमतर हसीन है | नाम बड़े और दर्शन छोटे वाली बात है | खैर इस शायर का अपना एक अलग अंदाज़ है -
Monday, March 3, 2025
मुमताज़ गुर्मानी-बड़े शायर का बड़ा शे'र --तीसरी क़िस्त
Saturday, March 1, 2025
मीर तक़ी मीर- बड़े शायर का बड़ा शे'र -दूसरी क़िस्त
मीर तक़ी मीर (1723 - 1810)
ओशो ने एक बार कहीं कहा था कि कवि और संत में एक बड़ा अंतर ये है कि संत हर वक़्त संत होता है और कवि सिर्फ़ उस वक़्त संत होता है जब कविता की आमद हो रही होती है क्योंकि कविता भी एक पारलौकिक घटना है जो किसी शाख़ पर नन्हीं कोंपल की तरह अपने आप फूटती है | ये बात और कि कवि उसे छंद से ,बहर से और उपमाओं से सजाता है | मीर शायद एक ऐसे शायर थे जो हर वक़्त फ़क़ीर भी रहे होंगे | सूफ़ीवाद या भक्ति काल जो 14वीं सदी से 17 वीं सदी तक रहा उस का असर 1723 में आगरा में जन्में मीर की शायरी में भी साफ़ झलकता है , हालांकि वो उर्दू के शायर रहे लेकिन उन का कलाम सूफ़ियों जैसा ही है ,एक दीवान उनका फ़ारसी में भी है ,छ: दीवान उर्दू में हैं | ग़ालिब भी मीर की तारीफ़ करते हुए कहते हैं -
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Friday, February 28, 2025
जौन एलिया -बड़े शायर का बड़ा शे'र पहली क़िस्त

विलियम शेक्सपीयर
भी कहते हैं -Friday, February 21, 2025
नासिर काज़मी- -ग़ज़ल
Saturday, February 15, 2025
ताज़ा ग़ज़ल - सतपाल ख़याल
आख़िर उन का जवाब आ ही गया
दिल के बदले गुलाब आ ही गया
रोज़ बदला है चाँद सा चहरा
रफ़्ता -रफ़्ता शबाब आ ही गया
बस इशारा सा इक किया उस ने
लेके साक़ी शराब आ ही गया
साथ लाया उदासियाँ अपने
इश्क़ ले कर अज़ाब आ ही गया
उस ने देखा पलट-पलट के "ख़याल"
कोशिशों का जवाब आ ही गया
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ग़ज़ल लेखन के बारे में आनलाइन किताबें - ग़ज़ल की बाबत > https://amzn.to/3rjnyGk बातें ग़ज़ल की > https://amzn.to/3pyuoY3 ग़ज़...
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ग़ज़ल हर घड़ी यूँ ही सोचता क्या है? क्या कमी है ,तुझे हुआ क्या है? किसने जाना है, जो तू जानेगा क्या ये दुनिया है और ख़ुदा क्या है? दर-बदर खाक़ ...
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स्व : श्री प्राण शर्मा जी को याद करते हुए आज उनके लिखे आलेख को आपके लिए पब्लिश कर रहा हूँ | वो ब्लागिंग का एक दौर था जब स्व : श्री महावीर प...