Friday, May 23, 2014

सिराज फ़ैसल खान


















ग़ज़ल


ज़मीं पर बस लहू बिखरा हमारा
अभी बिखरा नहीं जज़्बा हमारा

हमें रंजिश नहीं दरिया से कोई
सलामत गर रहे सहरा हमारा 


मिलाकर हाथ सूरज की किरन से
मुखालिफ़ हो गया साया हमारा

रकीब अब वो हमारे हैं जिन्होंने
नमक ताज़िन्दगी खाया हमारा

है जब तक साथ बंजारामिज़ाजी
कहाँ मंज़िल कहाँ रस्ता हमारा

तअल्लुक तर्क कर के हो गया है
ये रिश्ता और भी गहरा हमारा

बहुत कोशिश की लेकिन जुड़ न पाया
तुम्हारे नाम में आधा हमारा

इधर सब हमको कातिल कह रहे हैं
उधर ख़तरे में था कुनबा हमारा

16 comments:

नीरज गोस्वामी said...

Is umr men ye tewar subhanallah...Behad khoobsurat ghazal kahi hai dheron daad kabool karen.

तिलक राज कपूर said...

चकित हूँ, निस्‍तब्‍ध हूँ। आपके चित्र में जो उम्र दिख रही है उसमें यह गहरी सोच आश्‍चर्यजनक है।
लाजवाब मुकम्‍मल ग़़जल।

Mithilesh dubey said...

क्या बात है। लाजवाब ग़ज़ल।

Onkar said...

खूबसूरत ग़ज़ल

Siraj Faisal Khan said...

Thanks a lot Janaab Neeraj saahab...remember me in dua..

Siraj Faisal Khan said...

Thanks a lot Janaab Tilak saahab!
Remember me in dua!

Siraj Faisal Khan said...

Bahut shukriya janaab Mithilesh saahab...dua me yaad rakhiyega.

SIRAJ FAISAL KHAN said...

Bahut shukriya janaab Onkar saahab...remember me in dua!

SIRAJ FAISAL KHAN said...

बहुत बहुत शुक्रिया यशोदा जी !!

Unknown said...

अर्ज़ किया है ......................

लिखे हैं खूब अच्छे शेर (फ़ैसल)
मुबारकबाद तुमको दे रहा हूँ

ज़रा-सा गौर इस पर भी करें सब
ग़ज़ल का शेर भी पढ़ना हमारा

किसी से भी नहीं झगड़ा हमारा
रहो औकात में कहना हमारा
आज़र

Vandana Ramasingh said...

कमाल की ग़ज़ल है ....वाह

‘सज्जन’ धर्मेन्द्र said...

अच्छी ग़ज़ल हुई है सिराज भाई। दाद कुबूल हो।

Mayank Awasthi said...

Is Umra me jo Ikhtiyar zubaan aur kahan par Siraaj ke pas hai us par rashq karana jaiz hai mere liye --Siraaj !! Jeete rahiye Aaabaad rahiye Taabinda rahiye Shaadab rahiye --Mayank

निशा said...

बहुत ही उम्दा ग़ज़ल। ऐसे ही लिखते रहिये। आप के कुछ शेर आपके नाम के साथ अपने फेसबुक पेज पर शेयर करना चाहती हूँ अगर आप को एतराज़ ना हो

gurpreet singh said...

Muafi chahta hu lekin agar ghazal likhne wala yeh bhi bta diya kare Ki ghazal kon si beher mein hai aur kaise to hum jaise nosikhion ke liye bahut aasani

gurpreet singh said...

Muafi chahta hu lekin agar ghazal likhne wala yeh bhi bta diya kare Ki ghazal kon si beher mein hai aur kaise to hum jaise nosikhion ke liye bahut aasani